THE SMART TRICK OF SHIV CHAISA THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

The smart Trick of Shiv chaisa That Nobody is Discussing

Blog Article

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

There is absolutely no one as generous as you, Your devotees often praise and serve you. The Vedas sing your divine glory, The unfathomable and timeless techniques are past comprehension.

Whosoever provides incense, prasad and performs arti to Lord Shiva, with enjoy and devotion, enjoys substance pleasure and spiritual bliss On this planet and hereafter ascends on the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva eradicated the struggling of all and grants them eternal bliss.

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार more info हैं - भजन

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

जो यह पाठ करे मन लाई। ता पर होत है शम्भु सहाई॥

कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

कार्तिक shiv chalisa lyricsl श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

Report this page